AI को इंसान ने हराया: वर्ल्ड कोडिंग चैंपियनशिप 2025 में पोलिश प्रोग्रामर ने 10 घंटे में रचा इतिहास: AtCoder World Tour Finals Winner

टोक्यो में हुए ‘Humans vs AI’ मुकाबले में इंसान ने AI को पछाड़ा। OpenAI का मॉडल रहा दूसरे नंबर पर, पोलिश कोडर Psyho बना चैंपियन। जानिए इस ऐतिहासिक प्रतियोगिता की पूरी कहानी।

AtCoder वर्ल्ड टूर फाइनल्स 2025 में साइहो को चैंपियन ट्रॉफी मिलती हुई

इंसान बनाम AI: 10 घंटे के कोडिंग युद्ध में इंसान की ऐतिहासिक जीत

टोक्यो में हाल ही में एक ऐसा मुकाबला हुआ जिसने तकनीकी दुनिया में हलचल मचा दी। जहां एक तरफ था ओपनएआई का उन्नत AI मॉडल और दूसरी तरफ एक इंसानी दिमाग—पोलैंड के प्रोग्रामर प्रजेमिस्लाव डेबियाक। इस अनोखी प्रतियोगिता में इंसान ने तकनीक को पछाड़ दिया और यह साबित कर दिया कि रचनात्मकता, धैर्य और रणनीतिक सोच अभी भी मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत हैं।

कोडिंग की वर्ल्ड चैंपियनशिप में हुआ टक्कर

AtCoder World Tour Finals 2025 एक प्रतिष्ठित कोडिंग प्रतियोगिता है, जो खास तौर पर ह्यूरिस्टिक प्रोग्रामिंग पर आधारित होती है। इस बार का मुकाबला खास इसलिए था क्योंकि पहली बार इसमें एक AI मॉडल को भी शामिल किया गया था। OpenAI द्वारा बनाए गए इस मॉडल को ‘OpenAIAHC’ नाम दिया गया था और इसे जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।

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लेकिन मुकाबला शुरू होते ही स्थिति दिलचस्प होती गई। दस घंटे तक चला यह कोडिंग मैराथन अत्यंत थकाऊ और चुनौतीपूर्ण था, जिसमें प्रतिभागियों को एक 30×30 ग्रिड में सबसे कम मूव्स में रोबोट का रास्ता तय करने जैसा जटिल टास्क दिया गया था।

Psyho की रणनीति ने बदला खेल

पूर्व OpenAI इंजीनियर और “Psyho” के नाम से मशहूर प्रजेमिस्लाव डेबियाक ने इस मुकाबले में अपनी रणनीति और अनुभव का भरपूर इस्तेमाल किया। उन्होंने केवल Visual Studio Code और बेसिक ऑटोकंप्लीट का इस्तेमाल किया, लेकिन उनकी हीयूरिस्टिक सोच—जहां परफेक्ट हल नहीं बल्कि “अच्छा-पर्याप्त” समाधान तलाशा जाता है—AI पर भारी पड़ी।

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डेबियाक ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, “मानवता जीत गई… अभी के लिए!” उन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले तीन दिनों में मुश्किल से 10 घंटे सोए और यह जीत उनके लिए शारीरिक और मानसिक परीक्षा थी।

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OpenAI का मॉडल पीछे रह गया

AI की तेज़ कैलकुलेशन और थकानरहित परफॉर्मेंस के बावजूद OpenAI का मॉडल इंसानी नवाचार और अनुकूलन क्षमता के आगे टिक नहीं पाया। प्रतियोगिता के निर्णायक योइचि इवाटा ने भी माना कि जहां AI डेटा और स्पीड में आगे था, वहीं इंसानी सोच अब भी क्रिएटिविटी में सबसे ऊपर है।

क्या AI इंसानों से आगे निकल सकता है?

AI की क्षमताएं तेजी से बढ़ रही हैं। GitHub Copilot जैसे टूल अब 90% से अधिक डेवलपर्स द्वारा नियमित रूप से इस्तेमाल किए जा रहे हैं। Stanford की 2025 AI रिपोर्ट के अनुसार, AI की कोडिंग सफलता दर 2023 के 4.4% से बढ़कर 2024 में 71.7% हो गई है।

फिर भी यह मुकाबला एक प्रतीक है—AI चाहे जितना उन्नत हो जाए, इंसान की रचनात्मकता और जुझारूपन अभी भी उसे पछाड़ सकते हैं। यह जीत एक तरह से ‘जॉन हेनरी मोमेंट’ है, जो दिखाता है कि इंसानी जज्बा अब भी मशीन से आगे है।

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